माइक्रोसॉफ्ट काफी समय से Xbox मोबाइल स्टोरफ्रंट बनाने की तैयारी कर रहा है। इस स्टोरफ्रंट को एंड्रॉयड और iOS प्लेटफॉर्म पर लॉन्च करने की योजना थी। इसके ज़रिए गेमर्स सीधे Xbox ऐप से गेम्स खरीदने और खेलने का अनुभव ले सकते थे। माइक्रोसॉफ्ट ने Google के Play Store और Apple के App Store को बायपास कर अपने ऐप के जरिए गेम्स बेचने और चलाने की प्लानिंग की थी।
हालांकि, नवंबर में एंड्रॉयड पर Xbox ऐप लॉन्च करने का प्लान बनाया गया था, लेकिन इसमें एक बड़ा अवरोध आ गया। अक्टूबर में कोर्ट ने Google को आदेश दिया था कि वह अपने Play Store में सुधार करे और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे। इस आदेश पर रोक लगने से माइक्रोसॉफ्ट की योजना अधर में लटक गई।
Xbox की योजना क्यों रुकी?
Xbox के प्रेजिडेंट सारा बॉन्ड ने हाल ही में ब्लूस्काई (Bluesky) पर पोस्ट कर इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले पर रोक की वजह से Xbox अपने फीचर्स लॉन्च नहीं कर पा रहा है। इन फीचर्स के ज़रिए यूजर्स सीधे Xbox ऐप से गेम्स खरीद और खेल सकते थे।
सारा ने लिखा, “हम Xbox पर खिलाड़ियों को ज्यादा चॉइस देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि वे गेम्स को अपने पसंदीदा तरीके से और अलग-अलग जगहों पर खेल सकें। हमारा लक्ष्य था कि Xbox ऐप के जरिए वे डायरेक्टली गेम्स खरीद सकें और खेल सकें। लेकिन कोर्ट के आदेश पर रोक की वजह से यह संभव नहीं हो पाया है।”
गेमर्स के लिए बड़ा बदलाव
माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम गेमिंग इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव ला सकता था। अगर Xbox मोबाइल स्टोरफ्रंट लॉन्च हो जाता, तो यह Google Play Store और Apple App Store के मोनोपॉली को तोड़ सकता था। यह उन गेमर्स के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता जो बेहतर विकल्प की तलाश में हैं।
Google Play Store का रोल
Google Play Store लंबे समय से डिजिटल गेमिंग इंडस्ट्री पर अपना दबदबा बनाए हुए है। जब भी कोई ऐप या गेम Play Store पर उपलब्ध होता है, तो Google को उसकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा मिलता है। माइक्रोसॉफ्ट का Xbox स्टोरफ्रंट इस सिस्टम को चुनौती देता।
हालांकि, कोर्ट के फैसले पर रोक लगने से Google को फिलहाल राहत मिली है। लेकिन सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसे स्टोरफ्रंट्स को मौका मिलेगा?
Apple App Store की स्थिति
सिर्फ Google ही नहीं, Apple App Store भी डिजिटल गेमिंग इंडस्ट्री में एक बड़ी शक्ति है। Apple ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार की पाबंदियां लगाई हैं, जिससे अन्य कंपनियों को चुनौती मिलती है। माइक्रोसॉफ्ट का Xbox ऐप Apple App Store की नीतियों को भी चुनौती देता।
माइक्रोसॉफ्ट का अगला कदम
माइक्रोसॉफ्ट ने अब तक इस मामले में कोई ठोस घोषणा नहीं की है कि वह आगे क्या करेगा। लेकिन गेमिंग इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि माइक्रोसॉफ्ट इस प्रोजेक्ट को रोकने वाला नहीं है। कंपनी अपने प्लान को लागू करने के लिए नए विकल्पों की तलाश में है।
क्या यूजर्स को फायदा होगा?
अगर माइक्रोसॉफ्ट का यह प्रोजेक्ट सफल हो जाता है, तो गेमर्स के लिए यह एक बड़ी जीत होगी। उन्हें गेम्स खरीदने और खेलने के लिए ज्यादा विकल्प मिलेंगे। इसके अलावा, Google और Apple को भी अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ सकता है।
गेमिंग इंडस्ट्री का भविष्य
माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम गेमिंग इंडस्ट्री में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। यह सवाल उठता है कि क्या बड़ी कंपनियों का मोनोपॉली खत्म होगा? क्या छोटे गेम डेवलपर्स को नए अवसर मिलेंगे?
इस पूरी स्थिति में गेमर्स के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि माइक्रोसॉफ्ट और अन्य कंपनियां कैसे आगे बढ़ती हैं। गेमिंग इंडस्ट्री में प्रतियोगिता बढ़ने से यूजर्स को ज्यादा चॉइस और बेहतर सर्विस मिलेगी।
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